अनुशासनिक नियम एवं निर्देश

आप एक छात्र/छात्रा के रूप में महाविद्यालय के सदस्य हैं और आशा की जाती है कि आप अपने क्रिया-कलापों (आचरण) के प्रति सचेष्ट रहकर महाविद्यालय के सम्मान और गौरव में अभिवृद्धि करेंगें.

प्रत्येक छात्र/छात्रा को अपना परिचय पत्र सर्वदा अपने पास रखना चाहिए और प्राध्यापकों तथा महाविद्यालय अधिकारीयों/कर्मचारियों द्वारा मांगने पर तत्काल दिखा देना चाहिए. परिचय पत्र के विषय में निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए:-

  1. प्रत्येक छात्र/छात्रा के लिए प्रत्येक वर्ष में परिचय पत्र लेना आवश्यक है.
  2. परिचय पत्र के गायब हो जाने या किसी दुसरे का परिचय पत्र पा जाने की सूचना महाविद्यालय के नियंता को अवश्य देना चाहिए.
  3. जिस छात्र/छात्रा का मूल परिचय पत्र खो जायेगा, उसे महाविद्यालय कार्यालय में 50.00 रुपया शुल्क जमा करके प्रतिलिपि परिचय पत्र प्राप्त करना होगा. इसके लिए उसे आवश्यक सूचनाओं के साथ कार्यालय में एक प्रार्थना पत्र देना होगा.
  4. किसी छात्र/छात्रा द्वारा किसी छात्र/छात्रा के परिचय पत्र का प्रयोग अक्षम्य अपराध माना जाएगा. आप जब महाविद्यालय में रहें, यहां के नियमों एवं अनुशासन का पालन करें. इस दृष्टि से निम्नलिखित बातों के लिए आपको सतर्कता रखनी होगी, जो विशेषतया वर्जित है:-
  • महाविद्यालय परिसर के किसी क्षेत्र में निरुद्देश्य इधर-उधर घूमना, बरामदों में भीड़ लगाना अथवा सभाकक्ष में यत्र-तत्र दो-चार के समूह में बैठकर अमर्यादित ढंग से बातें करना.
  • महाविद्यालय भवन की दीवालों या कहीं पर पोस्टर चिपकाना या लिखना या अन्य किसी तरह की स्थाई या अस्थाई विकृति जैसे नियत स्थान के अतिरिक्त और कहीं कागज आदि फेंकना मना है.
  • महाविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार से साइकिल पर चढ़कर महाविद्यालय में प्रवेश करना. किसी प्राध्यापक या अधिकारी/कर्मचारी के साथ अभद्र व्यवहार तथा उसके द्वारा पूछने पर नाम, पता आदि न बताना.
  • महाविद्यालय में फूल-पौधों को क्षति पहुंचाना दण्डनीय है.

उपरोक्त नियमों की अवहेलना करने वाले छात्र/छात्रा के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी और उसके दुराचरण के अनुसार ही उसे दण्ड दिया जायेगा.

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